माहे रमजान में 6 साल की माहेरा मुगल, 7 साल की बुशरा मुगल ने रखा रोजा, मुल्क की सलामती की मांगी दुआ*

अलीराजपुर 9 मार्च 2025 रविवार

ब्यूरो रिपोर्ट आशीष वाणी

☎️ 9755571222 ☎️

अलीराजपुर रमाजन—उल—मुबारक का पवित्र महीना रहमतों बरकतों से भरपूर इस महीने में जहां बड़ों ने रोजा रखाकर शाम को इफ्तारी की तो वहीं नन्हें—मुन्ने बच्चे भी पीछे नहीं रहें। नन्हे—मुन्ने बच्चों ने भी रोजा रखकर अल्लाह की इबादत में मशगूल रहे और पांचों वक्त के नमाज भी अदा कि। बतातें चले कि रमजान का पवित्र महीना रहमतों बरकतों का महीना है। रोजा हर मुसलमान मर्द, औरत व बालिग पर फर्ज है। इस लिए इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखते है तथा ज्यादा से ज्यादा इबादत करने में मशगुल रहते है। अल्लाह की इबादत करने में बड़े तो बड़े नन्हे—मुन्ने बच्चे भी पीछे नहीं रहे। बच्चों में भी गजब का उत्साह देखा गया। बच्चों ने रोजा रखकर अल्लाह की इबादत में मशगुल रहे। *शहर के मुस्तकीम मुगल पत्रकार की बेटी बुसरा मुगल महज उम्र 7 साल, माहेरा मुगल मोहसिन मुगल महज उम्र 6 साल,* ने रविवार को रमजान—उल—मुबारक का पहला रोजा रखा। बच्चीयों ने बताया कि रमजान के पवित्र महीना में सभीको रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। क्योंकि यह महीना सब्र का होता है। पवित्र माह रमजान के महीने में रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करने से इंसान अपने आप को अल्लाह के करीब पाता है। दोनो बच्चीयों ने रोजा रख परिवार में खुशी का माहौल रहा। परिजनों ने बच्चों का हौसला बढ़ाया। इफ्तार का विशेष आयोजन किया गया। इस दौरान देश में शांति, अमन और भाईचारे के लिए दुआएं मांगी गईं। परिवार वालो ने कहा कि रमजान केवल इबादत का महीना नहीं है। यह इंसानियत, मोहब्बत और भाईचारे का संदेश भी देता है। मोहल्ले के लोगों ने बच्चों की हिम्मत की सराहना की। उन्होंने आशा जताई कि नई पीढ़ी सच्चाई, ईमानदारी और एकता के मार्ग पर चलेगी।

Recent Posts
error: Content is protected !!